आदतों को सुधारने से भी ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं ।*
अपने व्यक्तित्व व शारीरिक गतिविधियों से हम यह जान सकते हैं कि *इस जातक की जन्मकुंडली में या चंद्र कुंडली में राहु का प्रभाव ज्यादा है या लग्न अथवा चंद्र लग्न में राहु की युति है।*
यह आदतें देखने में सामान्य जैसी दिखती है पर इसका प्रभाव जातक पर जन्मजात होता है तथा राहु केतु का प्रभाव इन के मन पर ज्यादा होता है या आदतें इस प्रकार हो सकती है।
i: आज हम इसी प्रकार की एक बहुत ही सामान्य से दिखने वाली आदत के बारे में चर्चा करते हैं।
*टांग पर टांग रखकर बैठना:--*
कभी-कभी हम ज्यादा थक जाते हैं अथवा बैठकर ही पैरों को आराम देना चाहते हैं तो पैर के ऊपर पैर चढ़ाकर बैठते हैं जो एक सामान्य सी बात है, पर जो व्यक्ति राहु केतु के अशुभ प्रभाव में होते हैं वे हमेशा ही इसी तरीके से बैठते हैं घर हो या ऑफिस हो या अन्य कोई भी स्थान हो यह सीधे बैठना पसंद नहीं करते स्वतः ही इनके पैर एक के ऊपर एक हो जाते हैं जिन लोगों के राहु का अशुभ प्रभाव ज्यादा होता है वह तो सांप की तरह पैरों को बैठे बैठे आपस में लपेट भी लेते हैं इससे यह भी निश्चित तौर पर कह सकते हैं कि इस व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष ,चंद्र राहु, अथवा केतु युति है या फिर सूर्य राहु अथवा केतु की युति है।
इस प्रकारकी आदत के कई दुष्परिणाम जीवन में देखने को मिलते हैं यह लोग सदैव नकारात्मक सोचते हैं और दूसरों की बातों में दखल देते हैं।इस आदत के दुष्परिणाम होते हैं कि इससे इनके जीवन में धन का बहुत नुकसान होता है और बनते हुए काम आखिरी समय में बिगड़ जाते हैं।
इनके चेहरे पर मायूसी रहती है शरीर में तथा मस्तिष्क में रक्त का संचार सुचारू रूप से नहीं होता इसमें कई प्रकार के मनोविकार आलस्य अनिद्रा आदि इनको घेर लेते हैं ।
यदि वे अपनी इस आदत को धीरे-धीरे सुधार कर लेवे तो निश्चित रूप से राहु-केतु के विष से बच सकते हैं और सकारात्मकता से जीवन जी सकते हैं ।
यदि आपने भी यदि यह बुरी आदत है तो उसे सुधारने की कोशिश करें मुझे पूरा विश्वास है कि आपको शुभ फलों की प्राप्ति स्वतः ही होने लगेगी।
।। शुभमस्तु।।
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