Thursday, 28 May 2020

8 राशियों को शुक्र करेंगे मालामाल।

[5/28, 2:53 PM] Pushpa Tiwari: 


 जैसा कि हम सभी जानते हैं शुक्र ग्रह जीवन में भोग विलासिता का कारक है और भौतिक सुखों का कारक है ।जीवन की जो भी भौतिक सुख है उन सभी का प्रदाता शुक्र है कुंडली में अगर ये अच्छे भाव में हो तो मनुष्य को ऐश्वर्य सुख समृद्धि सभी कुछ प्रदान करता है वाहन सुख का कारक है और अच्छे लग्जरी घरों का भी कारक है हमारी जो आलीशान आवास होते हैं बंगले होते हैं उन सभी का कारक शुक्र ग्रह है कर्म क्षेत्र की बात करें तो नाटक ,कला, सौंदर्य प्रसाधन, इंटीरियर डिजाइनिंग, हीरा ,सफेद वस्तु, आदि का कारक ग्रह शुक्र है।
 अभी तक गोचर में गुरु,शुक्र,शनि ग्रह वक्री चल रहे हैं।   
*शुक्र ग्रह  ऐश्वर्य समृद्धि का कारक है यह ग्रह 7 जून से लेकर 17 जून तक गोचर में वर्गोत्तम नवमांश* में स्थित हो जाएगा वर्गोत्तम ग्रह बहुत ही शुभ फल प्रदान करते हैं यदि वे शुभ ग्रह है और कुंडली में शुभ स्थानों पर स्थित है ।
हम अभी लग्न के अनुसार की बात करें :--
*मेष* राशि वाले जातकों के लिए यह शुक्र द्वितीय भाव में गोचर करेगा जो कि वक्री होकर और  वर्गोत्तम नवमांश  में होगा द्वितीय भाव है धनवानी कुटुंब परिवार आदि का भाव है तो इसमें बहुत समृद्धि करेगा बैंक बैलेंस में पहले से वृद्धि करेगा लक्ष्मी कारक होगा और आयुष्य कारक भी होगा।

*वृष* लग्न की बात करें तो वृषभ राशि वालों के लिए वर्गोत्तम होकर रहेगा तो उन्हें स्वास्थ्य संबंधित  अच्छा फल प्रदान करेगा और जीवन साथी से सुख मिलेगा जो अभी अविवाहित है उनके विवाहित होने के अवसर भी प्रदान करेगा ।
*मिथुन*  राशि वालों के लिए  शुक्र द्वादश भाव में गोचर करेगा ये जाटल लग्ज़री आइटम खरीद सकते हैं और विदेश यात्रा भी करवा सकते है।
 *कर्क* राशि वालों के लिए बहुत ही शुभ फल प्रदान करेगा ग्यारहवें भाव में बहुत ही अच्छी उपलब्धियां प्रदान करेगा।ऑफिस में अप्रत्याशित लाभ होने की पूरी संभावना है।
 *सिंह* राशि,  में शुक्र दशम भाव में कर्मक्षेत्र   के  भाव का स्वामी हो जाएगा।
[5/28, 3:04 PM] Pushpa Tiwari: सिंह राशि वालों के लिए यह शुक्र दशम स्थान में वर्गोत्तम होगा   कर्म क्षेत्र में अच्छी उपलब्धि  दिलाएगा  नया व्यापार शुरू कर सकते हैं यह सौंदर्य प्रसाधन का हो सकता है हीरे का हो सकता है या कुछ भी अन्य जो शुक्र से संबंधित व्यवसाय है वह आप कर सकते हैं ।
*कन्या* राशि वालों के लिए नवम भाव में वर्गोत्तम  शुक्र गोचर करेगा भाग्य को बढ़ाएगा जो इनके इतने लंबे लंबे समय से अटके हुए थे वह कार्य पूरे होंगे विदेश यात्रा भी करवा सकता है और विदेशों से धन भी प्राप्त करवा सकता है ।
*तुला* राशि वालों के लिए यह शुक्र अष्टम स्थान में गोचर करेगा वैसे तो लग्नेश अष्टम स्थान में होना यानी कि स्वास्थ्य संबंधी कुछ प्रॉब्लम दे सकता है, ससुराल में आपका पक्ष मजबूत होगा। 

*वृश्चिक* राशि वालों के लिए बहुत ही अच्छा फल प्रदान करेगा। स्वास्थ्य भी अच्छा होगा और धन लाभ प्राप्त होगा। 
*धन*ु राशि वालों की बात करें धनु राशि वालों के लिए शुभ नहीं कहा जा सकता परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है किसी कोर्ट केस में खर्चा करवा सकता है।
 *मकर* राशि वालों के लिए पंचम भाव में बहुत ही अच्छा है तो उसमें भी आपको बहुत बड़ी उपलब्धि प्रदान करवा सकता है। सन्तान संबन्धी शुभ समाचार प्राप्त होंगें।
 *कुंभ* राशि वालों के लिए इस समय में आप भी अपना नया वाहन प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं और स्वास्थ्य से संबंधित परेशानियों से राहत मिलेगी।

*मीन* राशि वालो के लिए तृतीय भाव मे वर्गोत्तम होकर गोचर करेगा,समाज मे आपका नाम होगा तथा सामाजिक कार्यो में धन भी व्यय हो सकता है।


।।शुभमस्तु।।

Sunday, 24 May 2020

Planets and our habits

आदतों को सुधारने से भी ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं ।* 

अपने व्यक्तित्व व शारीरिक गतिविधियों से हम यह जान सकते हैं कि *इस जातक की जन्मकुंडली में या चंद्र कुंडली में राहु का प्रभाव ज्यादा है या लग्न अथवा चंद्र लग्न में राहु की युति है।*
यह आदतें देखने में सामान्य जैसी दिखती है पर इसका प्रभाव जातक पर जन्मजात होता है तथा राहु केतु का प्रभाव इन के मन पर ज्यादा होता है या आदतें इस प्रकार हो सकती है।
i: आज हम इसी प्रकार की एक बहुत ही सामान्य से दिखने वाली आदत के बारे में चर्चा करते हैं।
*टांग पर टांग रखकर बैठना:--*

 कभी-कभी हम ज्यादा थक जाते हैं अथवा बैठकर ही पैरों को आराम देना चाहते हैं तो पैर के ऊपर पैर चढ़ाकर बैठते हैं जो  एक सामान्य सी बात है,  पर जो व्यक्ति राहु केतु के अशुभ प्रभाव में होते हैं वे हमेशा ही इसी तरीके से बैठते हैं घर हो या ऑफिस हो या अन्य कोई भी स्थान हो यह सीधे बैठना पसंद नहीं करते स्वतः ही इनके पैर एक के ऊपर एक हो जाते हैं जिन लोगों के राहु का अशुभ प्रभाव ज्यादा होता है वह तो सांप की तरह पैरों को बैठे बैठे आपस में लपेट भी लेते हैं इससे यह भी निश्चित तौर पर कह सकते हैं कि इस व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष ,चंद्र राहु, अथवा केतु युति है या फिर सूर्य राहु अथवा केतु की युति है।
 इस प्रकारकी  आदत के कई दुष्परिणाम जीवन में देखने को मिलते हैं यह लोग सदैव नकारात्मक सोचते हैं और दूसरों की बातों में दखल देते हैं।इस आदत के दुष्परिणाम होते हैं कि इससे इनके जीवन में धन का बहुत नुकसान होता है और बनते हुए काम आखिरी समय में बिगड़ जाते हैं।
 इनके चेहरे पर मायूसी रहती है शरीर में तथा मस्तिष्क में  रक्त का संचार सुचारू रूप से नहीं होता इसमें कई प्रकार के मनोविकार आलस्य अनिद्रा आदि इनको घेर लेते हैं ।
यदि वे अपनी इस आदत को धीरे-धीरे सुधार कर लेवे तो निश्चित रूप से राहु-केतु के विष से बच सकते हैं और सकारात्मकता से जीवन जी सकते हैं  ।
यदि आपने भी यदि यह बुरी आदत है तो उसे सुधारने की कोशिश करें मुझे पूरा विश्वास है कि आपको शुभ फलों की प्राप्ति स्वतः ही होने लगेगी।

।। शुभमस्तु।।
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